AMU के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले- देश के विकास में यूनिवर्सिटी खास भूमिका

राष्ट्रपति कोविन्द ने कहा कि भारत-रत्न से अलंकृत खान अब्दुल गफ्फार ख़ान इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे. डॉक्टर युसुफ मोहम्मद दादू दक्षिण अफ्रीका की आज़ादी की लड़ाई में पहली कतार के सेनानियों में थे. डाक्टर ज़ाकिर हुसैन ने यहां शिक्षा प्राप्त की और यहां वाइस चान्सलर भी रहे. उन्होंने कहा कि डॉक्टर अब्दुल कलाम का जीवन हर भारतवासी को प्रेरणा देता है. मुझे बहुत खुशी होती है कि आज के नौजवान, उनको एक आदर्श के रूप में देखते हैं. उनमे शिक्षा के लिए जो ललक थी और कुछ कर गुजरने की जो लगन थी उसके बल पर उन्होने अपने वैज्ञानिक बनने के सपने को पूरा किया. उन्होंने कहा कि डॉक्टर कलाम किसी भी विकसित देश में एक आरामदेह जिंदगी बिता सकते थे. लेकिन वे पूरी जिंदगी अपने देश में ही रहकर समाज और देश को बेहतर बनाने की तपस्या करते रहे. ऐसे महापुरुषों की ज़िंदगी से सभी युवाओं को समाज और देश की भलाई के कामों में लग जाने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि AMU में लगभग 37 फीसदी तादाद लड़कियों की है। इस साल कुल पदक विजेताओं में आधे से अधिक लड़कियां हैं. ऐसी बेटियों की तरक्की में भविष्य के विकसित भारत की झलक दिखाई देती है. इन बेटियों की आवाज बदलाव की आवाज है जिसे क्लासरूम और यूनिवर्सिटी के बाहर भी पूरा महत्व मिलना चाहिए.
राष्ट्रपति ने कहा कि इस्मत चुगताई और मुमताज़ जहान जैसी महिलाओं ने भारतीय समाज और AMU की शान में इजाफा किया है. अमरोहा के एक साधारण परिवार की बेटी खुशबू मिर्ज़ा ने चंद्रयान मिशन में अहम भूमिका निभाई है. खुशबू जैसी बेटियों ने ‘चिलमन से चाँद’ तक के सफर को शानदार अंजाम दिया है.
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