तो फिर क्या एस डी एम की छवि धूमिल करने में जुटी है लेखपाल आकांक्षा वमाॅ
महोली (सीतापुर) उपजिलाधिकारी बृजपाल सिंह शासन की मंशा को भापते हुए अवैध कब्जा धारियो पर ठोस कायॅवाही कर सरकारी भूमियो को कब्जा मुक्त कराने के आदेश अपने मातहतो को इस उद्देश्य से दिए थे । कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को किसी भी कीमत पर बकशा न जाये। और कानूनगो लेखपाल को यह भी निदेॅश दिए थे कि शांति भंग की आशंका होने पर कानूनगो पुलिस बल को साथ मे लेकर अवैध कब्जाधारियो से सरकारी भूमियो को कब्जा मुक्त कराया जाये ।
लेकिन अधिकांश लेखपाल सिफॅ कब्जा हटवाये जाने की खानापूतिॅ कर अपने कायोॅ से इतिश्री कर लेते है । यही नहीं कब्जा हटवाये जाने की खानापूतिॅ के समय कब्जा हटवाते समय वीडियो व फोटो खिचवाकर वाह वाही लूटने का कृम कानूनगो अरूण अवस्थी की देखरेख मे चालू है ।जबकि वास्तविकता यह है कि जो कब्जा लेखपाल व कानूनगो की टीम हटाने जाती है उसे भी पूरा नहीं हटाती है ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत भुडकुडी मे देखने को मिला ।
जहां लेखपाल आकांक्षा वमाॅ व कानूनगो द्वारा चकरोड पर अवैध कब्जा हटवाने के लिए समय दस बजे का देकर आठ घंटे बाद यानि रात 6 बजे के बाद तीन अतिरिक्त लेखपालो के साथ पहुंचकर भुडकुडी गांव मे शहाबा के पास चकरोड व खाद के गडडे को कब्जा मुक्त करवाना था लेकिन रात मे अपनी टीम के साथ पहुँच कानूनगो ने सिफॅ लगभग एक घंटे मे चकरोड की जगह मे खड़ी गन्ने की फसल को लगभग दो मीटर की चौड़ाई मे जुतवाकर शासन की अवैध कब्जा हटाओ मुहिम को पूरा कर चलता बने शेष कब्जा दूसरे दिन हटवाने की बात कहकर टीम सहित रात होने का फायदा उठाकर वापस चले आये थे ।
फिर दूसरे दिन भुडकुडी गांव में कब्जा हटवाये जाने की जरूरत नहीं समझी । और आज भी गांव के तीन चार लोग चकरोड पर कब्जा जमाये हुए है वह कब्जा नहीं हटवाया गया । जिससेे गांव मेें तरह तरह की चचाॅॅॅओ का बाजार गमॅ है । यहां पर गौरतलब है कि यदि एस डी एम बृजपाल सिंह ने ऐसेे लापरवाह लेेेखपाल आकांक्षा वमाॅ केे कायोॅॅ का यदि संज्ञान नही लेते तो उनकी भी छवि जनपद की मुखिया धूमिल हो सकती है ?
लेकिन अधिकांश लेखपाल सिफॅ कब्जा हटवाये जाने की खानापूतिॅ कर अपने कायोॅ से इतिश्री कर लेते है । यही नहीं कब्जा हटवाये जाने की खानापूतिॅ के समय कब्जा हटवाते समय वीडियो व फोटो खिचवाकर वाह वाही लूटने का कृम कानूनगो अरूण अवस्थी की देखरेख मे चालू है ।जबकि वास्तविकता यह है कि जो कब्जा लेखपाल व कानूनगो की टीम हटाने जाती है उसे भी पूरा नहीं हटाती है ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत भुडकुडी मे देखने को मिला ।
जहां लेखपाल आकांक्षा वमाॅ व कानूनगो द्वारा चकरोड पर अवैध कब्जा हटवाने के लिए समय दस बजे का देकर आठ घंटे बाद यानि रात 6 बजे के बाद तीन अतिरिक्त लेखपालो के साथ पहुंचकर भुडकुडी गांव मे शहाबा के पास चकरोड व खाद के गडडे को कब्जा मुक्त करवाना था लेकिन रात मे अपनी टीम के साथ पहुँच कानूनगो ने सिफॅ लगभग एक घंटे मे चकरोड की जगह मे खड़ी गन्ने की फसल को लगभग दो मीटर की चौड़ाई मे जुतवाकर शासन की अवैध कब्जा हटाओ मुहिम को पूरा कर चलता बने शेष कब्जा दूसरे दिन हटवाने की बात कहकर टीम सहित रात होने का फायदा उठाकर वापस चले आये थे ।
फिर दूसरे दिन भुडकुडी गांव में कब्जा हटवाये जाने की जरूरत नहीं समझी । और आज भी गांव के तीन चार लोग चकरोड पर कब्जा जमाये हुए है वह कब्जा नहीं हटवाया गया । जिससेे गांव मेें तरह तरह की चचाॅॅॅओ का बाजार गमॅ है । यहां पर गौरतलब है कि यदि एस डी एम बृजपाल सिंह ने ऐसेे लापरवाह लेेेखपाल आकांक्षा वमाॅ केे कायोॅॅ का यदि संज्ञान नही लेते तो उनकी भी छवि जनपद की मुखिया धूमिल हो सकती है ?
तो फिर क्या एस डी एम की छवि धूमिल करने में जुटी है लेखपाल आकांक्षा वमाॅ
महोली (सीतापुर ) एक तरफ योगी सरकार ग्राम पंचायतों मे सरकारी भूमियो पर कब्जा हटवाये जाने
को लेकर मुहिम चला रही है वही दूसरी तरफ सरकार के ही नुमाइंदे उनकी मुहिम को पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे है बताते चलें कि तहसील महोली की ग्राम पंचायत भुडकुडी सकिॅल की लेखपाल आकांक्षा वमाॅ द्वारा जहां शासन की अवैध कब्जा हटाओ मुहिम को पलीता लगा रही है वहीं तहसील मुखिया के आदेशों का भी जमकर मखौल उड़ा रही है ऐसा ही एक नजारा भुडकुडी गांव में सरकारी गलियारे पर बोयी गन्ने की फसल को जुतवाने के समय दिखा । लेखपाल आकांक्षा वमाॅ व कानून गो अरूण अवस्थी ने पुलिस बल के सामने कब्जा तो हटवाया फिर भी वहचकरोड तीन चार कब्जाधारियो के कब्जे मे है यदि लेखपाल द्वारा जानबूझकर ऐसे ही कब्जे हटवाये जायेगे तो फिर योगी सरकार की कब्जा हटाओ मुहिम क्या रंग ला पायेगी यह तो समय के गभॅ में है ?
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