आर्मी डे: सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा, जम्मू-कश्मीर के हालात में लगातार हो रहा है सुधार
आज आर्मी डे है और देश आज 70वां आर्मी डे मना रहा है. जनरल केएम करिअप्पा आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख बने थे और उनके सम्मान में हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है. आर्मी डे के मौके पर दिल्ली के कैंट परेड ग्राउंड में परेड होगी. आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत का संबोधन भी होगा. 9 जनवरी को दिल्ली के इसी ग्राउंड में आर्मी डे रिहर्सल के दौरान ध्रुव हेलीकॉप्टर से रस्सी के सहारे उतरते वक्त 3 जवान घायल हो गए थे.
सेना दिवस की पूर्व संध्या पर सेना अध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि आज बीते वर्ष का आत्मविश्लेषण एवं चिन्तन करते हुए, हमें सुरक्षा की स्थिति को ध्यान में रखकर आने वाली चुनौतियों से निपटने की योजना बनानी है. 2017 में भारतीय सेना को सीमाओं पर और देश के अन्दर कई ऑपरेशन में सफलता प्राप्त हुई है. हमारे सैनिकों ने सीमाओं पर विरोधियों को करारा जवाब दिया है. आतंकवाद रोधी ऑपरेशन के दौरान मानवाधिकार के मूल्यों को कायम रखते हुए हमारा रवैया बेहद पेशेवर रहा है.
प्रतिकूल और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमारे सभी रैंक की नि:स्वार्थ कार्रवाई की वजह से जम्मू कश्मीर और उत्तर-पूर्व के सुरक्षा हालात में लगातार सुधार हो रहा है. विपदाओं के समय में हमारे सैनिकों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए देशवासियों को हमेशा राहत पहुंचाई है और उनके बहुमूल्य जीवन को बचाने में मदद करते आए हैं. हमारा राष्ट्र अपनी सेना पर गर्व करता है, और हमें अपने उद्देश्यों को सम्मान और गौरव के साथ हासिल करने के लिये हमेशा प्रोत्साहित करता रहता है.
सेना को प्रभावशाली ऑपरेशन करते रहना है
उन्होंने कहा कि हमारा मुख्य फोकस राष्ट्र निर्माण को ध्यान में रखते हुए, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रभावशाली ऑपरेशन करते रहना है. विश्व की अन्य सेनाओं के साथ भारतीय सेना के द्विपक्षीय संबंध बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से सैन्य कूटनीति का दायरा भी बढ़ रहा है. यून मिशन में अंतर्राष्ट्रीय शांति के लिये हमारे योगदान को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की लगातार प्रशंसा मिलती रही है.
हमें आधुनिक क्षमताओं को बढ़ाना होगा
सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिये हमें अपनी आधुनिक क्षमताओं को बढ़ाना होगा. हमें अपने हथियार की बेहतर क्षमताओं के लिये आधुनिक तकनीक की जरुरत है. इन का श्रेष्ठ उपयोग करने के लिए हमें प्रशिक्षण में आवश्यक सुधार करते रहना होगा. तीनों सर्विस के सभी उपलब्ध संसाधनों का संगठित इस्तेमाल तथा आपसी तालमेल, युद्ध के मैदान पर सफलता हासिल करने की बुनियाद है, और हमको इसके लिये लगातार प्रयास करते रहना है.
Comments
Post a Comment