तिल चतुर्थी कल, जाने व्रत की आसान विधि और उसके फायदे…
इस दिन विशेष रूप से भगवान श्रीगणेश व चंद्रमा की पूजा की जाती है।माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को तिल चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस बार यह व्रत 5 जनवरी, शुक्रवार को है।
व्रत व पूजन विधि
तिल चतुर्थी की सुबह स्नान आदि से करने के बाद साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद एक साफ आसन पर बैठकर भगवान श्रीगणेश की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान गणेश को धूप व दीप दिखाएं। फल, फूल, चावल, रौली, मौली चढ़ाने व पंचामृत से स्नान कराने के बाद भगवान गणेश को तिल से बनी वस्तुओं या तिल तथा गुड़ से बने लड्डुओं का भोग लगाएं।
पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखें। पूजा के बाद ऊं श्रीगणेशाय नम: का जाप 108 बार करें। शाम को कथा सुनने के बाद गणेशजी की आरती उतारें। चंद्रमा के उदय होने पर उनकी भी पंचोपचार से पूजा करें।
व्रत व पूजन विधि
तिल चतुर्थी की सुबह स्नान आदि से करने के बाद साफ वस्त्र पहनें। इसके बाद एक साफ आसन पर बैठकर भगवान श्रीगणेश की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान गणेश को धूप व दीप दिखाएं। फल, फूल, चावल, रौली, मौली चढ़ाने व पंचामृत से स्नान कराने के बाद भगवान गणेश को तिल से बनी वस्तुओं या तिल तथा गुड़ से बने लड्डुओं का भोग लगाएं।
पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख रखें। पूजा के बाद ऊं श्रीगणेशाय नम: का जाप 108 बार करें। शाम को कथा सुनने के बाद गणेशजी की आरती उतारें। चंद्रमा के उदय होने पर उनकी भी पंचोपचार से पूजा करें।
क्या है महत्व और इस व्रत को करने का फायदा –
इस प्रकार विधिवत भगवान श्रीगणेश का पूजन करने से मानसिक शान्ति मिलती है। भगवान श्री गणेश जी की कृपा से दाम्पत्य जीवन में सुख बढ़ता है। सुहागन महिलाओं को इस व्रत से अखंड सौभाग्य मिलता है। इसके साथ ही घर-परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है। महिलाओं के इस प्रकार से व्रत करने से परिवार के लोगों की तरक्की होती है और कारोबार में भी बरकत होती है।
इस प्रकार विधिवत भगवान श्रीगणेश का पूजन करने से मानसिक शान्ति मिलती है। भगवान श्री गणेश जी की कृपा से दाम्पत्य जीवन में सुख बढ़ता है। सुहागन महिलाओं को इस व्रत से अखंड सौभाग्य मिलता है। इसके साथ ही घर-परिवार में सुख और समृद्धि बढ़ती है। महिलाओं के इस प्रकार से व्रत करने से परिवार के लोगों की तरक्की होती है और कारोबार में भी बरकत होती है।
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