केन मैनेजर सोहन वीर की साजिश का शिकार हुआ किसान


 आई जी आर एस पर सिकायत के बाद कृषक का सट्टा किया चालू सचिव कृष्ण मोहन पांडेय 

प्रदेश के मुख्यमंत्री के दिशा निदेॅशो को अनदेखा कर किसानों का शोषण लगातार जारी है ।किसानों की समस्याओं का त्वरित निराकरण कैसे होगा यह भी एक गंभीर विषय है यदि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी की कायॅशैली का संज्ञान उच्च अधिकारियों ने नहीं लिया तो किसानों का शोषण लगातार जारी रहेगा और प्रदेश मुखिया सिफॅ उच्च अधिकारियों को हवा हवाई दिशा निर्देश देते रहेंगे और उन्हीं के मातहत किसानों को भुखमरी के कगार पर पहुँचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है
बताते चलें कि हसनापुर निवासी माखन पुत्र नंदकिशोर का चलता चलाता सट्टा खाता बंद हो गया था जिसकी लिखित सूचना सचिव कृष्ण मोहन पांडेय को दी परंतु सचिव कृष्ण मोहन पांडेय द्वारा पत्र प्राप्त होने के तमाम दिन बाद आदेश तो किया लेकिन दो सप्ताह बाद भी खाता खुलवाया नहीं जा सका और यही नहीं कृषक ने कुछ पचिॅया भी गन्ना तौल सेंटर पर तुलवायी थी जिसका रूपया भी रूकवा दिया गया । एक तरफ जहां किसान की पचिॅया नहीं आ रही है वहीं दूसरी तरफ जो गन्ना तौल सेंटर पर तुलवाया उसका पैसा न आने के कारण किसान का परिवार आथिॅक तंगी से गुजर रहा है
जिसके संबंध में कृषक माखन गन्ना सचिव कृष्ण मोहन पांडेय से कई बार मिलकर सट्टा खुलवाने का अनुरोध किया परंतु सचिव कृष्ण मोहन पांडेय पर किसान की बातों का कोई असर नहीं पड़ा और सचिव ने न तो सट्टा खुलवाया और न ही कोई कृषक को संतोष जनक जवाब दिया ऐसी स्थिति में मजबूरन कृषक ने  आईजी आरएस पर शिकायत दर्ज कर सट्टा खुलवाने एवं किस कारण सट्टा लाक किया गया उसकी भी जांच कराने का अनुरोध किया । जिसके बाद सकते में आये केन मैनेजर सोहनवीर अपने चमचो के साथ कृषक के घर जा धमके और खुद को किसान का सबसे बड़ा हितैषी बताते हुए अपना बचाव करते हुए पीड़ित किसान से कुछ लिखा कर उस पर हस्ताक्षर करवाने के घंटों बाद सट्टा भी खुलवा दिया और पचिॅया भी आनी शुरू हो गयी ।
  तो फिर क्या  गन्ना प्रबंधक सोहनवीर के इशारे पर नाच रहे सचिव कृष्ण मोहन पांडेय 
 
महोली  (सीतापुर) किसान माखन के पिता का देहांत पूर्व में हो गया था जिसका सवेॅ भृषट कामदार भारत वमाॅ द्वारा किया गया था जिसकी जानकारी जब संवाददाता को हुयी तो प्रामाणिक खबर का प्रकाशन किया । जिससे खुननस खाये गन्ना प्रबंधक सोहनवीर ने किसान को परेशान करने की मानो कसम खा रखी थी और उसका उत्पीड़न करना शुरू कर दिया । फिर क्या था किसान का सट्टा लाक कराया और जिन पचिॅयो को किसान ने तौल सेंटर पर तुलवाया था उसका पैसा भी रूकवाया गया । यह सब सिफॅ इसलिए किया गया कि सोहनवीर के खासम खास कामदार के विरुद्ध पत्रकार ने खबर कयो लगायी । कहने का आशय यह है यदि किसी किसान के मामले पर पत्रकार ने खबर लगा दी तो मिल के जिम्मेदार और सचिव कृष्ण मोहन पांडेय द्वारा किसान का शोषण लगातार जारी रहेगा । जिससे भृषट सचिव कृष्ण मोहन पांडेय और सोहनवीर के कमॅचारियो के विरुद्ध कोई भी किसान आवाज न उठाये । और यदि आवाज उठायेगा तो उसे भी हसनापुर निवासी माखन के जैसे ही हर तरीके से प्रताड़ित किया जायेगा ।

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