सर्वेक्षण करने वाली फर्म आईएचएस मार्केट की अर्थशास्त्री और इस रपट की लेखिका आशना दोढ़िया ने कहा, "जनवरी में देश के सेवा क्षेत्र में सुधार देखा गया है. जून 2017 के बाद यह सबसे मजबूत है. साथ ही मांग में भी सुधार देखा गया है." भारतीय सेवा प्रदाताओं ने जनवरी में लगातार पांचवें महीने पिछले लंबित कार्यों तथा नए कारोबारी आर्डरों के मद्देनजर कार्यबल में विस्तार किया है. इसके अलावा, सितंबर के बाद से रोजगार सृजन की दर सबसे ज्यादा रही.

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि बाजार में लगातार जारी गिरावट की वजह आम बजट में शेयरों में कमाई पर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाया जाना नहीं बल्कि वैश्विक कारक हैं. जेटली का बयान ऐसे समय में आया है, जब शेयर बाजार में नवंबर 2016 के बाद से शुक्रवार को सबसे भारी गिरावट दर्ज की गई थी. आम बजट 2018-19 में शेयरों से कमाई पर एलटीसीजी कर दोबारा लगाए जाने के ऐलान के बाद बाजार लुढ़के थे. शुक्रवार के कारोबार में सेंसेक्स में 800 अंकों से अधिक की एकदिनी गिरावट हुई थी जबकि निफ्टी सूचकांक में 200 से अधिक गिरावट दर्ज की गई थी.
जेटली ने एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं को बताया, "शेयर बाजार में यह गिरावट बजट या एलटीसीजी की वजह से नहीं है. डॉव जोंस में भी दो फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज हुई है."
जेटली शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार के सूचकांक डॉव जेंस में भारी गिरावट का उल्लेख कर रहे थे, जहां डॉव जोंस इंडिस्ट्रयल एवरेज शुक्रवार को 665.75 अंकों यानी 2.75 फीसदी की गिरावट के साथ 25,520,96 पर बंद हुआ था. बीएसई के सेंसेक्स में सोमवार को भी गिरावट जारी रही. सोमवार के कारोबार में सेंसेक्स लगभग 550 अंकों की गिरावट के साथ 34,520 पर रहा. पूर्वाह्न 11.15 बजे सेंसेक्स 34,737 पर रहा.
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