पर्चे की प्राथमिकता ने ले ली मरीज की जान (लखनऊ। )

डॉक्टरो की लापरवाही से ट्रॉमा सेटर मे एक महिला की जान चली गई। महिला की हालत गंभीर होने पर परिजन ट्रॉमा सेटर लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरो ने पहले पर्चा बनाने को कहा। ऐसे मे काफी समय निकल गया, इस दौरान मरीज की सांस थम गई। यह हाल तब है कि जब ट्रॉमा प्रशासन गंभीर मरीजो का प्राथमिकता के आधार पर इलाज करने का दावा करता है। अमेठी के जगदीशपुर निवासी शहनाज (51) को कैसर था। केजीएमयू मे ही उनका ऑपरेशन हुआ था। इस बीमारी से उन्हे काफी दिनो से राहत थी। परिजनो के मुताबिक सोमवार को अचानक शहनाज की तबियत खराब हो गई। उन्हे सांस लेने मे दिक्कत हो रही थी। इसके बाद परिजनो ने मरीज को स्थानीय अस्पताल मे दिखाया। जहां से चिकित्सको ने केजीएमयू रेफर कर दिया। सोमवार रात परिजन शहनाज को लेकर ट्रामा सेटर पहुचे। यहां चिकित्सक ने मरीज को तत्काल इलाज मुहैया कराने के बजाए परिजनो से पर्चा बनवाने को कहा। परिजन 20 मिनट तक पर्चा बनवाते रहे। उधर, तब तक इलाज के अभाव मे मरीज की मौत हो गई। उधर, ट्रॉमा सेटर के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संतोष कुमार ने घटना की जानकारी से इंकार किया।

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