जीएसटी लागू होने के बाद से व्यापारी परेशान: प्रेमचन्द्र अग्रवाल
-जीएसटी की विसंगतियों को लेकर उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल ने सौंपा ज्ञापन
सीतापुर। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल (पंजीकृत) द्वारा जीएसटी में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के विषय में केन्द्रीय वित्तमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यपालक) वाणिज्य कर विभाग, सीतापुर को दिया गया। जिसकी अगुवाई प्रान्तीय उपाध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने किया। दिये गये ज्ञापन मंे कहा गया है कि जब से जीएसटी लागू हुआ है,
व्यापारी अनेक समस्याओं से पीड़ित है। जीएसटी विभाग द्वारा नये-नये तौर तरीके से व्यापारियों का उत्पीड़ने और शोषण किया जा रहा है। जिससे व्यापारी बेहद दुखी है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जीएसटी पोर्टल सात महीने से भी सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है। जुलाई 2017 माह के जीएसटी आर-2 तथा जीएसटीआर-3 रिर्टन आज तक भी जमा नहीं हो पाये है। साथ ही जीएसटी आर-3 बी का भार व्यापारियों पर अनावश्यक डाला गया है। जीएसटी आर-1, 2 व 3 भी भरने आवश्यक है।
व्यापारियेां ने कहा कि जीएसटी रिर्टन मासिक या त्रैमासिक भरने की अनिवार्यता रखी जाए। जिससे जीएसटी पोर्टल सुचारू रूप से कार्य कर सकेगा। इससे व्यापारियों को भी आसानी होगी तथा सरकार को मिलने वाले राजस्व में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि व्यापारी मण्डल की अनुमति के बगैर किसी भी प्रतिष्ठान की एसआईबी जांच न की जाए।
एक देश, एक टैक्स, एक बाजार के नारे को सार्थक करने के लिए अनावश्यक ई-वे बिल जैसी व्यवस्था को समाप्त किया जाए। साथ ही जीएसटी में टैक्स की दर केवल दो या अधिकतम तीन र खी जाए। टैक्स की दर अन्य देशों की भाॅति 18 प्रतिशत से अधिक कदापि न रखी जाए।
ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, नगर अध्यक्ष अनुपम राठौर, दिलीप अग्रवाल, विनय गुप्ता, तुषार साहनी, राजीव गुप्ता, मोनू गुप्ता, मुकेश गुप्ता, रजनीश, विकास अग्रवाल, अभिषेक गुप्ता, संदीप भरतिया, आशीर खेतान, मुन्ना लाल गुप्ता, जीवेश साहनी, अभिषेक जिन्दल, विमल गुप्ता, जावेद अहमद, राजेश सिंहस, बाबू लाल जोशी, आफताफ अहमद, गोपाल गुप्ता, शैलेन्द्र निगम, हरिओम राठौर, गोविन्द सहाय समेत काफी संख्या में व्यापारीगण मौजूद रहे।
सीतापुर। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल (पंजीकृत) द्वारा जीएसटी में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के विषय में केन्द्रीय वित्तमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय ज्ञापन ज्वाइंट कमिश्नर (कार्यपालक) वाणिज्य कर विभाग, सीतापुर को दिया गया। जिसकी अगुवाई प्रान्तीय उपाध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने किया। दिये गये ज्ञापन मंे कहा गया है कि जब से जीएसटी लागू हुआ है,
व्यापारी अनेक समस्याओं से पीड़ित है। जीएसटी विभाग द्वारा नये-नये तौर तरीके से व्यापारियों का उत्पीड़ने और शोषण किया जा रहा है। जिससे व्यापारी बेहद दुखी है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि जीएसटी पोर्टल सात महीने से भी सुचारू रूप से काम नहीं कर रहा है। जुलाई 2017 माह के जीएसटी आर-2 तथा जीएसटीआर-3 रिर्टन आज तक भी जमा नहीं हो पाये है। साथ ही जीएसटी आर-3 बी का भार व्यापारियों पर अनावश्यक डाला गया है। जीएसटी आर-1, 2 व 3 भी भरने आवश्यक है।
व्यापारियेां ने कहा कि जीएसटी रिर्टन मासिक या त्रैमासिक भरने की अनिवार्यता रखी जाए। जिससे जीएसटी पोर्टल सुचारू रूप से कार्य कर सकेगा। इससे व्यापारियों को भी आसानी होगी तथा सरकार को मिलने वाले राजस्व में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि व्यापारी मण्डल की अनुमति के बगैर किसी भी प्रतिष्ठान की एसआईबी जांच न की जाए।
एक देश, एक टैक्स, एक बाजार के नारे को सार्थक करने के लिए अनावश्यक ई-वे बिल जैसी व्यवस्था को समाप्त किया जाए। साथ ही जीएसटी में टैक्स की दर केवल दो या अधिकतम तीन र खी जाए। टैक्स की दर अन्य देशों की भाॅति 18 प्रतिशत से अधिक कदापि न रखी जाए।
ज्ञापन देते समय जिलाध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, नगर अध्यक्ष अनुपम राठौर, दिलीप अग्रवाल, विनय गुप्ता, तुषार साहनी, राजीव गुप्ता, मोनू गुप्ता, मुकेश गुप्ता, रजनीश, विकास अग्रवाल, अभिषेक गुप्ता, संदीप भरतिया, आशीर खेतान, मुन्ना लाल गुप्ता, जीवेश साहनी, अभिषेक जिन्दल, विमल गुप्ता, जावेद अहमद, राजेश सिंहस, बाबू लाल जोशी, आफताफ अहमद, गोपाल गुप्ता, शैलेन्द्र निगम, हरिओम राठौर, गोविन्द सहाय समेत काफी संख्या में व्यापारीगण मौजूद रहे।
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