क्या आपकी मम्मी भी करती हैं घर की सफाई? रहें सावधान, बढ़ रही है ये बीमारी
भारत के लगभग ज़्यादातर घरों में औरतें खुद सफाई करती हैं. घरों के छोटे-मोटे कामों से लेकर साफ-सफाई जैसे झाड़ू-पोछा आज भी औरतें ही करती हैं. उनसे जुड़ी एक रिसर्च सामने आई है.
इस रिसर्च के मुताबिक सफाईकर्मी के तौर पर काम करने वाली महिलाएं या घर पर लगातार क्लीनिंग स्प्रे का इस्तेमाल करने से आपके फेफड़ों में समय के साथ दिक्कत आ सकती है.एक नए अध्ययन में यह पाया गया है कि सफाई का काम न करने वाली महिलाओं के मुकाबले नियमित तौर पर सफाई करने वाली महिलाओं को यह दिक्कत ज्यादा हो सकती है.
नॉर्वे की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्जन के सेसाइल स्वेन्स ने कहा, “इस संबंध में पर्याप्त प्रमाण मिलते हैं कि सफाई में इस्तेमाल होने वाले रसायनों का दमा की स्थिति पर अल्पकालिक प्रभाव पड़ता है, लेकिन दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है.”
वैज्ञानिकों ने पाया कि सफाई न करने वाली महिलाओं की तुलना में (9.6 प्रतिशत) उन महिलाओं में दमा की आशंका ज्यादा होती है जो घरों पर सफाई करती हैं (12.3 प्रतिशत) या सफाईकर्मी के तौर पर काम करती हैं (13.7 प्रतिशत).
यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है.
इस रिसर्च के मुताबिक सफाईकर्मी के तौर पर काम करने वाली महिलाएं या घर पर लगातार क्लीनिंग स्प्रे का इस्तेमाल करने से आपके फेफड़ों में समय के साथ दिक्कत आ सकती है.एक नए अध्ययन में यह पाया गया है कि सफाई का काम न करने वाली महिलाओं के मुकाबले नियमित तौर पर सफाई करने वाली महिलाओं को यह दिक्कत ज्यादा हो सकती है.
नॉर्वे की यूनिवर्सिटी ऑफ बर्जन के सेसाइल स्वेन्स ने कहा, “इस संबंध में पर्याप्त प्रमाण मिलते हैं कि सफाई में इस्तेमाल होने वाले रसायनों का दमा की स्थिति पर अल्पकालिक प्रभाव पड़ता है, लेकिन दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है.”
वैज्ञानिकों ने पाया कि सफाई न करने वाली महिलाओं की तुलना में (9.6 प्रतिशत) उन महिलाओं में दमा की आशंका ज्यादा होती है जो घरों पर सफाई करती हैं (12.3 प्रतिशत) या सफाईकर्मी के तौर पर काम करती हैं (13.7 प्रतिशत).
यह अध्ययन अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है.
Comments
Post a Comment