बच्चों की आंखों का देरी से इलाज बन रही है मौत की वजह, हो रही है ये बीमारी

उन्होंने बताया कि देश में आंखों में विभिन्न प्रकार के कैंसर के ट्यूमरों का उपचार करने के लिए देश में विशेषज्ञों की भी कमी है. पाल ने कहा, "पांच साल से कम उम्र के बच्चों में रेटिनोब्लास्टोमा यानी रेटिना का कैंसर सामान्य है. इसमें भेंगापन व आंखों की पुतली के भीतर सफेद दाग रहता है. यह रोग 20 हजार में एक बच्चे में देखने को मिलता है."
उन्होंने बताया कि शुरूआती चरण में रोग का पता चलने पर बच्चे व उनकी दोनों आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है, लेकिन ज्यादा देर होने से आंखों की रोशनी समाप्त होने के साथ-साथ जान को खतरा भी पैदा हो जाता है.
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