मालदीव में संकट गहराया: भारत सेना भेजने को तैयार? चीन ने दी चेतावनी

मालदीव में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए वहां के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आपातकाल लागू कर दिया है. इस सियासी संकट के बीच राष्ट्रपति यामीन की तानाशाही के खिलाफ मालदीव के विपक्षी खेमो और सुप्रीम कोर्ट ने भारत से मदद की गुहार लगाई है. जिसके बाद भारत ने संकेत दिए हैं कि इस मामले में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन किया जा सकता, जिसमें सेना को तैयार रखना शामिल है.
हालांकि, अभी भारत की तरफ से आधिकारिक तौर पर मदद की घोषणा नहीं की गई है, सिर्फ संकेत दिए हैं, लेकिन उससे पहले ही चीन की बेचैनी बढ़ गई है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बीजिंग मालदीव पर नजर बनाए हुए है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा है, 'हमें उम्मीद है कि मालदीव सरकार और वहां की विपक्षी पार्टियां आपस में मिलकर राजनीतिक संकट को सुलझा सकते हैं.'
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मालदीव में जो सियासी संकट उपजा है, उसे सुलझाने की बुद्धिमत्ता वहां की सरकार और विपक्षी दलों में है. ऐसे में मालदीव संकट पर किसी अंतरराष्ट्रीय दखल की जरूरत नहीं है.
वहीं, चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में सीधे तौर पर मालदीव को भारत के प्रति चौकन्ना किया गया है. लेख में कहा गया है कि मालदीव को भारत की भूमिका और अपने देश की स्वतंत्रता में से किसी को चुनना पड़ेगा. इसके पीछे दलील दी गई कि भारत दक्षिण एशियाई देशों को नियंत्रित करना चाहता है, ऐसे में मालदीव को इससे खबरदार रहना होगा.
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