बजट में बदले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स के नियम - अब बचत के लिए यही दो योजनाएं हैं सबसे मुफीद

वित्तवर्ष 2018-19 के आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की जद में म्यूचुअल फंड भी ला दिए, और अब इनकम टैक्स कटौती के बाद हाथ आने वाली अपनी तनख्वाह में से टैक्स-फ्री निवेश के विकल्प और भी घट गए हैं... आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये तक की छूट में अब सिर्फ दो ही स्कीम ऐसी रह गई हैं, जिनमें निवेश करने पर आप मैच्योरिटी के वक्त किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देंगे... इनमें से एक है सुकन्या समृद्धि योजना तथा दूसरी है पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ या लोक भविष्य निधि)...सुकन्या समृद्धि योजना
बेटियों के लिए चलाई गई योजना के तहत हर वह व्यक्ति यह खाता खोल सकता है, जो प्राकृतिक या कानूनी रूप से ऐसी बच्ची का अभिभावक है, जिसकी उम्र 10 वर्ष से कम है... एक ही व्यक्ति सुकन्या समृद्धि योजना के तहत ज़्यादा से ज़्यादा दो खाते खोल सकता है, बशर्ते दोनों खाते अलग-अलग बच्चियों के नाम से खोले जाएं...इन खातों में प्रत्येक वित्तवर्ष के दौरान कम से कम 1,000 रुपये का निवेश किया जाना अनिवार्य है, तथा इन खातों में प्रत्येक वित्तवर्ष के दौरान अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं... इन खातों को 21 साल की अवधि पूरा होने पर बंद किया जा सकता है, या उस स्थिति में खाते को 18 साल के बाद भी बंद किया जा सकता है, जब खाताधारक बच्ची का विवाह हो चुका हो... सुकन्या समृद्धि खाते में निवेशित रकम पर वार्षिक आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, जिसकी दर 1 जुलाई, 2017 से 8.3 प्रतिशत है... मौजूदा समय में सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं में यह ब्याज दर सर्वाधिक है...भारत सरकार की इस योजना के तहत ज्वॉइंट एकाउंट नहीं खोला जा सकता है, और इसमें प्रत्येक वर्ष के दौरान एकमुश्त या अधिकतम 12 किश्तों में निवेश किया जा सकता है... इस खाते में प्रत्येक वित्तवर्ष में कम से कम 500 रुपये तथा अधिकतम 1,50,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है... खाता नकदी या चेक की मदद से खोला जा सकता है, लेकिन चेक की स्थिति में खाता शुरू होने की तारीख उसे माना जाएगा, जब निवेशित रकम सरकार के खाते में पहुंच जाएगी... इस खाते में नॉमिनी की सुविधा भी उपलब्ध है, और खाते के चालू रहते इसे दूसरे पोस्ट ऑफिस, बैंक या शहर में स्थानांतरित भी किया जा सकता है...खाताधारक इस योजना के तहत नाबालिग बच्चों के एकाउंट भी खोल सकता है, लेकिन सभी खातों में जमा कराई जाने वाली राशि व्यक्ति द्वारा निवेशित रकम की अधिकतम सीमा से ज़्यादा नहीं हो सकती... यानी यदि कोई व्यक्ति अपने दो नाबालिग बच्चों के लिए भी पीपीएफ खाते खुलवा लेता है, तो भी वह किसी एक वित्तवर्ष के दौरान तीनों खातों में कुल मिलाकर अधिकतम सीमा, यानी 1,50,000 रुपये से ज़्यादा का निवेश नहीं कर सकता...खाता 15 साल की अवधि के बाद मैच्योर होता है, लेकिन इसे मैच्योरिटी के एक साल के भीतर पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है... 15 साल की अवधि पूरी होने से पहले इसे मैच्योर नहीं करवाया जा सकता... इस खाते पर मिलने वाला ब्याज भी पूरी तरह करमुक्त होता है... पीपीएफ खाते में निवेशित रकम पर वार्षिक आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है, जिसकी दर 1 अप्रैल, 2017 से 7.9 प्रतिशत है...
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