बजट 2018 : सरकार ने एक तीर से साधे दो निशाने, पहले किसान और फिर चुनाव
आम बजट 2018 में राजनीतिक रूप से लाभ पहुंचाने वाले कई कदमों को घोषणा की गई है। बजट में ग्रामीण भारत के लिए काफी कुछ है और इससे गरीब, किसान और महिलाओं को साधने की भरपूर कोशिश की गई है। मध्यम वर्ग जिसे भारतीय जनता पार्टी अपना वोट बैंक मानती है उसके लिए बजट में बहुत ज्यादा कुछ नहीं है, अधिक जोर किसानों पर है। भाजपा की पैठ ग्रामीण भागों में कम मानी जाती है और विपक्ष उस पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाता है। सरकार ने अपने इस बजट से एक तीर से दो निशाना साधने की कोशिश की है।
बजट में किसानों के प्रति दिखाई गई इस उदारता के राजनीतिक कारण भी हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा और यहां उसे कम अंतर से जीत हासिल हुई। इस साल कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन प्रदेशों में किसानों की अच्छी-खासी आबादी है। सरकार को पता है किसानों की नाराजगी उसे चुनावों में भारी पड़ सकती है। इसलिए बजट में इस बड़े वर्ग को खुश करने की कोशिश की गई है।
किसानों की अर्थव्यवस्था बढ़ाने के लिए बजट में कई उपाय किए गए हैं। इनमें सबसे बड़ा कदम किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करने का फैसला है। इसका लाभ छोटे और मझोले किसानों को मिलेगा इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 22,000 ग्रामीण हाटों को ग्रामीण कृषि बाजारों के रूप में विकसित किया जाएगा। आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन’ शुरू किया गया है। मछली पालन और पशुपालन के लिए 10 हजार करोड़ रुपये रखे जा रहे हैं। बांस की पैदावार बढ़ाने के लिए भी सरकार ने 1200 करोड़ का फंड मुहैया कराने की घोषणा की है। माना जा रहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों में इस फैसले का बड़ा असर होगा।
बजट में अनुसूचित जातियों और जनजातियों पर विशेष ध्यान देते हुए उनके लिए आवंटन में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की गई है। इस बार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के बजट में अनुसूचित जातियों के लिए 56,619 करोड़ रुपये और अनुसूचित जन-जातियों के लिए 39,135 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
गरीब तबके को बेहतर इलाज सुविधा देने के लिए सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना महत्वपूर्ण है। इस बीमा योजना के तहत गरीब लोग अब महंगे अस्पतालों में अपना इलाज मुफ्त में करा सकेंगे। सरकार ने 50 करोड़ गरीबों को इस सुविधा का लाभ देने का वादा किया है। इस योजना के तहत आने वाले गरीब व्यक्ति को निजी अस्पतालों में कोई फीस नहीं देनी होगी और उसका इलाज पूरा कैशलेस होगा।
मोदी सरकार ने अपने बजट में गरीब महिलाओं का खास ध्यान रखा है। सरकार ने स्वच्छ ईंधन मुहैय्या कराने के मकसद से शुरू की गई प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन देने की घोषणा की है। उज्ज्वला योजना का लाभ अब आठ करोड़ गरीब महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा पहले यह संख्या पांच करोड़ थी। इसके अलावा महिलाओं को संगठित क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगार के लिये भविष्य निधि कोष कानून में संशोधन का भी फैसला किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि ग्रामीण भारत से जुड़े उसके फैसलों का असर दूरगामी होगा और यह बजट उसे विधानसभा और लोकसभा चुनाव में फायदा पहुंचा सकता है।
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